Rishikesh–Karnaprayag Rail Line Project: भारतीय सरकार का यह नया प्रोजेक्ट पहाड़ी इलाकों के लिए एक बहुत फायदेमंद साबित होने वाला है. आपको बता दे यह 130 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन ऋषिकेश से Karnaprayag तक बनने वाली है. इससे चार धाम, केदारनाथ, गंगोत्री, और यमुनोत्री तक जाने का सफर काफी ज्यादा आसान हो जाएगा. लोग काफी जल्दी इन जगहों पर जा पाएंगे.
और आपको बता दूं पहाड़ों की कई सारे जिला जैसे रुद्रप्रयाग और चमोली मैं भी पहली बार रेलवे लाइन बिछेंगे इससे लोकल एजुकेशन, अस्पताल और में नौकरियों के लिए भाग दौड़ करना भी काफी ज्यादा आसान हो जाएगा. पता चली देखते हैं इस प्रोजेक्ट की सारी खास बात है आगे इस लेख में.

कितना लंबा है रूट
आपको बता दें इस प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 125 किलोमीटर तक बताई जा रही है यह उत्तराखंड के ऋषिकेश से लेकर Karnaprayag बचेगी. और आपको बता दूं यह रेलवे लाइन पांच जिला और 50 से भी गांव के भीतर से होकर गुजरेगी. आपको बता दूं इस रेलवे लाइन की शुरुआत Rishikesh से शुरू होगी उसके बाद ही है Shivpuri, Manjilgaon, Sakni, Devprayag, Kirtinagar, Srinagar, Dhari, Rudraprayag, Gholtir , आदि जगहों से होकर Karnaprayag तक बनेगी. और बता दे इसमें उत्तराखंड के वह भी गांव और जिले कनेक्ट होंगे जहां पर अभी तक रेलवे लाइन नहीं पहुंची थी.
घूमना फिरना होगा आसान
इस रेलवे लाइन से रिलिजियस और कल्चरल बेनिफिट भी काफी ज्यादा मिलने वाला है, चार धाम, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसी पवित्र जगह पर जाना भी काफी ज्यादा आसान हो जाएगा. लोग काफी आसानी से यहां तक ट्रेवल कर पाएंगे. और पहली बार उत्तराखंड की जिला चमोली और रुद्रप्रयाग में पहली बार रेलवे लाइन बिछाएंगे इससे एजुकेशन, अस्पताल और नौकरियों के लिए भाग दौड़ करना भी काफी ज्यादा आसान हो जाएगा
कब तक होगा काम खत्म
आपको बता दो इस नई रेलवे लाइन प्रोजेक्ट की कुल लंबाई लगभग 125.20 किलोमीटर तक बताई जाती है. और इस प्रोजेक्ट की स्टीमेट कॉस्ट लगभग 16200 करोड रुपए तक बताई जाती है. और आपको बता दूं इस रेलवे लाइन को बनाने का काम सरकारी कंपनी Rail Vikas Nigam Ltd. (RVNL) को दिया गया है. आपको बता दे इसका काम 2020 से ही शुरू हो गया था और इसका काम 2025 तक खत्म हो जाएगा.